गुजरात के बनासकांठा स्थित पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट से 20 लोगों की मौत हो गई, इनमें 5 से 8 साल तक के बच्चे भी हैं।

ये सभी मध्यप्रदेश के हरदा और देवास जिले के रहने वाले थे। देवास के नेमावर घाट पर आज गुरुवार को 18 लोगों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया।
बाकी दो शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट किया गया। इनमें से एक की पहचान लक्ष्मीबेन अनिल भाई नायक, उम्र- 50 साल, हंडिया, जिला हरदा के रूप में हुई है। एक शव की पहचान बाकी है।
ब्लास्ट में जान गंवाने वाले 18 लोगों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया।
नर्मदा घाट (नेमावर) पर शवों को मुखाग्नि दी गई। देवास के 9 मजदूरों के शव पहले उनके पैतृक गांव संदलपुर पहुंचे। ठेकेदार का शव खातेगांव पहुंचा।

अंतिम दर्शन के बाद सभी शवों को नेमावर घाट लाया गया। वहीं, हरदा के हंडिया के लोगों के शव गुजरात से सीधे नेमावर घाट लाए गए।
स्थानीय प्रशासन और पुलिस के अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। पूरे इलाके में मातम का माहौल है। स्थानीय लोगों की आंखें नम हैं।
बनासकांठा के नजदीक डीसा में मंगलवार सुबह 8 बजे पटाखा फैक्ट्री में बॉयलर फट गया था।
धमाका इतना भीषण था कि कई मजदूरों के शरीर के अंग 50 मीटर दूर तक बिखर गए। फैक्ट्री के पीछे खेत में भी कुछ मानव अंग मिले हैं।
हादसे में हरदा के हंडिया के 8 और देवास के संदलपुर के 9 मजदूरों की मौत हो गई। वहीं, खातेगांव के ठेकेदार की भी जान चली गई थी।
8 मजदूरों का इलाज चल रहा है। इनमें 3 की हालत गंभीर है।